30 हजार रुपए और पुराने लैपटॉप से शुरू की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी, अब सालाना रेवेन्यू 2 करोड़ रुपए
28-Nov-2025
By सोफिया दानिश खान
मुंबई
मोटापे के कारण दोस्तों के बीच शर्मिंदा होने पर विक्रम मेहता ने अपना वजन घटाकर दोस्तों के बीच खुद को साबित किया था. छह साल पहले, एक बार फिर उन्होंने एमपायर इवेंट्स (Mpire Events) लॉन्च कर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की. यह एक वेडिंग और इवेंट्स मैनेजमेंट कंपनी है, जो उन्होंने इस क्षेत्र के खुद के अनुभव पर भरोसा करते हुए 30 हजार रुपए के निवेश से शुरू की थी. शुरुआत में उनके पास एक कर्मचारी और उनका सेकंड-हैंड लैपटॉप था.
यह एक परी-कथा के यात्रा में तब्दील हो गई और वे दुनियाभर में घूमे. पहले साल के 10 लाख रुपए रेवेन्यू से इस साल 2 करोड़ रुपए तक कंपनी तेजी से बढ़ी. न सिर्फ टर्नओवर, बल्कि इवेंट के आकार और भव्यता के मामले में भी.
| एमपायर इवेंट्स के संस्थापक विक्रम मेहता. (सभी फोटो : विशेष व्यवस्था से) |
विक्रम कहते हैं, "हमने श्रीलंका, थाइलैंड, मलेशिया, हांगकांग, दुबई, गोवा, जयपुर, मसूरी, बेंगलुरु, केरल और चेन्नई में शादियां करवाई हैं. सबसे सुनहरा पल वह शादी रही, जो उन्होंने 2018 में अमेरिका के ओरलैंडो में डिज्नीलैंड में करवाई थी.''
वे कहते हैं, "विभिन्न कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग स्थान और होटल तय करने मैं दो बार वहां गया. पार्टी के के लिए सिंड्रेला कैसल तय किया गया था.''
यह बिजनेस सिद्धाचल एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड नाम से रजिस्टर्ड है. इसका ऑफिस बांद्रा में है. कंपनी एक साल में 17-18 डेस्टिनेशन वेडिंग आयोजित करती है. एक शादी पर औसतन खर्च 4 करोड़ रुपए होते हैं.
कंपनी के पास पांच पूर्णकालिक और 17-18 मौसमी कर्मचारी हैं. इसके अलावा जहां शादी होती है, वहीं स्वतंत्र कर्मचारी बुला लिए जाते हैं.
मुंबई में जन्मे और पले-बढ़े 37 वर्षीय विक्रम ने 12वीं की पढ़ाई 2003 में एंड्रयू स्कूल से पूरी की. इसके बाद मीठीबाई कॉलेज से बी.कॉम किया. इस कॉलेज में अभिनेताओं के बच्चे करीना कपूर और रणबीर कपूर उनके सीनियर थे.
अपने बचपन के सालों काे याद करते हुए विक्रम कहते हैं, "मैं स्कूल में बहुत ही अलग बच्चा था. स्कूल के सभी बच्चों से मोटा था और बेहतरीन संवाद क्षमता के लिए जाना जाता था.''
![]() |
| अमेरिका के डिज्नीलैंड में एक ड्रीम वेडिंग का नजारा. |
स्कूल में उनके बहुत से दोस्त थे, लेकिन कॉलेज में उनका सामना एक दूसरी परिस्थिति से हुआ. वहां स्टूडेंट्स लोगों के 'लुक' पर बहुत ध्यान देते थे और पसंदीदा स्टूडेंट के साथ ही घूमना पसंद करते थे.
विक्रम को यह रवैया परेशान करता था, लेकिन जब विक्रम ने अपना वजन कम किया तो उनके प्रति उनका व्यवहार भी बदल गया और उन्होंने विक्रम को अपनी टोली में भी शामिल कर लिया. हालांकि विक्रम ने कॉलेज में बहुत अधिक दोस्त नहीं बनाए. उन्होंने स्कूल के साथियों को ही अपना दोस्त बनाए रखा.
बी.कॉम पूरा करने के बाद उन्होंने एम.कॉम में नामांकन कराया और इवेंट्स में पार्टटाइम करना शुरू कर दिया.
इवेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र के अपने नौसिखियाभरे दिनों को याद करते हुए विक्रम कहते हैं, "अपनी पहली नौकरी में मैंने 700 रुपए के टिकट बेचे. इसके बाद नए साल के जश्न के दिन आ गए. उसमें सोनम कपूर जैसी सेलीब्रिटी खास आकर्षण थी. मैंने टिकट बेचने शुरू किए और सबसे अधिक टिकट बेचने में कामयाब रहा.''
आयोजकों ने विक्रम की परफॉर्मेंस देखी, तो उन्हें पार्टनर के रूप में टीम से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया. लेकिन विक्रम को यह ऑफर आकर्षक नहीं लगा. इसके बजाय उन्होंने खुद की कंपनी रेड ओएम एंटरटेनमेंट शुरू करने का निर्णय लिया. उस समय विक्रम महज 23 साल के थे.
विक्रम की एक पार्टनर सपना लल्ला थीं. दोनों मिलकर बार क्लब में इंटरनेशनल डीजे के साथ मिलकर इवेंट करते थे. 2009 तक रेड ओएम का सालाना रेवेन्यू 1 करोड़ रुपए को छू गया.
कंपनी ने शाहरुख खान की फिल्म डॉन की लॉन्च पार्टी भी आयोजित की. कंपनी ने रितिक रोशन और संजय दत्त की इवेंट भी आयोजित किए. उन्होंने अवॉर्ड शो भी किए, लेकिन 2013 के बाद ट्रेंड बदलने लगा.
![]() |
| एमपायर इवेंट टीम के साथ विक्रम. |
विक्रम बताते हैं, "डीजे संस्कृति में अब आकर्षण नहीं बचा था और ये ऐसे पल थे, जब मैं भाग जाना चाहता था. मैंने महसूस किया कि मैं औसत स्थिति में हूं, हालांकि मैं अच्छा-खासा कमा रहा था. यही वह पल था, जब मैंने बदलाव का फैसला किया.''
उन्होंने रेड ओएम (जिसे अब भी दूसरे पार्टनर चला रहे हैं) कंपनी छोड़ दी और परसेप्ट कंपनी से सीईओ के रूप में जुड़ गए. यह एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी थी, जो गोवा में सनबर्न फेस्टिवल आयोजित कर रही थी.
उसी दौरान उनके पिता ने उन्हें सलाह दी कि दूसराें के लिए काम करने के बजाय खुद की कंपनी खोलो. वे महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल से वरिष्ठ पद से रिटायर हुए थे.
जैसे यह संकेत था. विक्रम को अपने दोस्त की बहन की शादी का आमंत्रण मिला, जो बैंकॉक में होने जा रही थी. इसमें उन्होंने विभिन्न इवेंट, डीजे और साज-सज्जा के लिए अलग-अलग कलाकार खोजने में मदद की. शादी में बिंदल और गुजराल जैसे अमीर परिवार भी आए थे. उन्होंने महज दो लोगों की मदद से पूरी इवेंट को प्रबंध किया.
जल्द ही, उन्हें और अवसर मिले. 2014 में एमपायर इवेंट्स लॉन्च करने वाले विक्रम कहते हैं, "महज दो लोगों की टीम के साथ हम उदयपुर गए, जहां प्रसिद्ध जगमंदिर पैलेस में एक शादी हो रही थी. इसके बाद अलीबाग में एक और शादी का भी काम मिला.''
अब बिजनेस बढ़ गया है, तो हर प्रोजेक्ट की सूक्ष्म योजना बनने लगी है और उसका पालन किया जाता है. विक्रम बताते हैं, "किसी शादी में बहुत सी चीजें गलत हो सकती हैं, लेकिन मैं सुनिश्चित करता हूं कि उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था हो. इस तरह सब कुछ बेहतर होता चला जाता है. मौसम सबसे अधिक मजा किरकिरा करने वाला हो सकता है, खासकर आउटडोर वेडिंग के दौरान.''
वे याद करते हैं कि एक बार एक शादी श्रीलंका में थी. आयोजन स्थल पर अचानक मूसलाधार बारिश शुरू हो गई. हमारी चिंता बढ़ गई. वेडिंग केक, शैंपेन की ग्लासेस और लगभग सभी चीजें चारों तरफ उड़ने लगीं.
विक्रम याद करते हैं, "यह बहुत डरावना था, लेकिन हम तत्काल होटल के बालरूम पहुंचे, जहां एक और केक और डोम की प्रतिकृति रखी थी, जिसे हमने दूल्हा-दुल्हन के लिए तैयार रखा था.''
उदयपुर में एक शादी के दौरान उन्हें एक बच्चे को सुरक्षित तरीके से नाव से निकालकर होटल तक पहुंचाना पड़ा क्योंकि उसके माता-पिता आसपास नहीं थे. इसी तरह एक बार गोवा में एक शादी के दौरान टैक्सी ड्राइवर हड़ताल पर थे. ऐसे में विक्रम को मेहमानों को लाने-ले जाने के लिए करीब 50 ड्राइवरों को मिन्नतें कर मनाना पड़ा.
| विक्रम का अंतिम उद्देश्य होता है कि दूल्हा-दुल्हन को उनकी शादी के दिन खुश रखा जाए. |
विक्रम कहते हैं, "इवेंट के दौरान और भी कई चुनौतियां आती हैं जैसे नशे वाले रिश्तेदार, कुछ मेहमानों का स्वास्थ्य से जुड़ा मामला आदि. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती दूल्हा-दुल्हन के नजदीकी रिश्तेदारों से निपटने की होती है क्योंकि सबको अलग-अलग चीज की जरूरत होती है. लेकिन मेरा ध्यान दूल्हा-दुल्हन को खुश करना होता है- आखिरकार यह सब उनके लिए ही हो रहा होता है और उनकी कल्पना जीवंत होनी चाहिए. हर शादी के लिए दुल्हन की एंट्री सबसे दिल जीतने वाला पल होती है इसलिए मैं सुनिश्चित करता हूं कि यह हर शादी के लिए अनूठा हो.''
कंपनी को कई अवॉर्ड मिल चुके हैं. एल मैग्जीन ने एशिया की सूची में एमपायर कंपनी को बेस्ट वेडिंग प्लानर की सूची में नंबर 2 पर रखा है.
आप इन्हें भी पसंद करेंगे
-
'भाई का वड़ा सबसे बड़ा'
मुंबई के युवा अक्षय राणे और धनश्री घरत ने 2016 में छोटी सी दुकान से वड़ा पाव और पाव भाजी की दुकान शुरू की. जल्द ही उनके चटकारेदार स्वाद वाले फ्यूजन वड़ा पाव इतने मशहूर हुए कि देशभर में 34 आउटलेट्स खुल गए. अब वे 16 फ्लेवर वाले वड़ा पाव बनाते हैं. मध्यम वर्गीय परिवार से नाता रखने वाले दोनों युवा अब मर्सिडीज सी 200 कार में घूमते हैं. अक्षय और धनश्री की सफलता का राज बता रहे हैं बिलाल खान -
नॉनवेज भोजन को बनाया जायकेदार
60 साल के करुनैवेल और उनकी 53 वर्षीय पत्नी स्वर्णलक्ष्मी ख़ुद शाकाहारी हैं लेकिन उनका नॉनवेज होटल इतना मशहूर है कि कई सौ किलोमीटर दूर से लोग उनके यहां खाना खाने आते हैं. कोयंबटूर के सीनापुरम गांव से स्वादिष्ट खाने की महक लिए उषा प्रसाद की रिपोर्ट. -
फूल खिले हैं गुलशन-गुलशन
आज दुनिया में ‘फ़र्न्स एन पेटल्स’ जाना-माना ब्रैंड है लेकिन इसकी कहानी बिहार से शुरू होती है, जहां का एक युवा अपने पूर्वजों की ख़्याति को फिर अर्जित करना चाहता था. वो आम जीवन से संतुष्ट नहीं था, बल्कि कुछ बड़ा करना चाहता था. बिलाल हांडू बता रहे हैं यह मशहूर ब्रैंड शुरू करने वाले विकास गुटगुटिया की कहानी. -
डिस्काउंट पर दवा बेच खड़ा किया साम्राज्य
एक छोटे कपड़ा कारोबारी का लड़का, जिसने घर से दूर 200 वर्ग फ़ीट के एक कमरे में रहते हुए टाइपिस्ट की नौकरी की और ज़िंदगी के मुश्किल हालातों को बेहद क़रीब से देखा. कोलकाता से जी सिंह के शब्दों में पढ़िए कैसे उसने 111 करोड़ रुपए के कारोबार वाली कंपनी खड़ी कर दी. -
ससक्स की सक्सेस स्टोरी
30 रुपए से 399 रुपए की रेंज में पुरुषों के टी-शर्ट, शर्ट, ट्राउजर और डेनिम जींस बेचकर मदुरै के फैजल अहमद ने रिटेल गारमेंट मार्केट में तहलका मचा दिया है. उनके ससक्स शोरूम के बाहर एक-एक किलोमीटर लंबी कतारें लग रही हैं. आज उनके ब्रांड का टर्नओवर 50 करोड़ रुपए है. हालांकि यह सफलता यूं ही नहीं मिली. इसके पीछे कई असफलताएं और कड़ा संघर्ष है.


