Milky Mist

Thursday, 21 November 2024

30 हजार रुपए और पुराने लैपटॉप से शुरू की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी, अब सालाना रेवेन्यू 2 करोड़ रुपए

21-Nov-2024 By सोफिया दानिश खान
मुंबई

Posted 19 Nov 2020

मोटापे के कारण दोस्तों के बीच शर्मिंदा होने पर विक्रम मेहता ने अपना वजन घटाकर दोस्तों के बीच खुद को साबित किया था. छह साल पहले, एक बार फिर उन्होंने एमपायर इवेंट्स (Mpire Events) लॉन्च कर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की. यह एक वेडिंग और इवेंट्स मैनेजमेंट कंपनी है, जो उन्होंने इस क्षेत्र के खुद के अनुभव पर भरोसा करते हुए 30 हजार रुपए के निवेश से शुरू की थी. शुरुआत में उनके पास एक कर्मचारी और उनका सेकंड-हैंड लैपटॉप था.


यह एक परी-कथा के यात्रा में तब्दील हो गई और वे दुनियाभर में घूमे. पहले साल के 10 लाख रुपए रेवेन्यू से इस साल 2 करोड़ रुपए तक कंपनी तेजी से बढ़ी. न सिर्फ टर्नओवर, बल्कि इवेंट के आकार और भव्यता के मामले में भी.


एमपायर इवेंट्स के संस्थापक विक्रम मेहता. (सभी फोटो : विशेष व्यवस्था से)

विक्रम कहते हैं, "हमने श्रीलंका, थाइलैंड, मलेशिया, हांगकांग, दुबई, गोवा, जयपुर, मसूरी, बेंगलुरु, केरल और चेन्नई में शादियां करवाई हैं. सबसे सुनहरा पल वह शादी रही, जो उन्होंने 2018 में अमेरिका के ओरलैंडो में डिज्नीलैंड में करवाई थी.''

वे कहते हैं, "विभिन्न कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग स्थान और होटल तय करने मैं दो बार वहां गया. पार्टी के के लिए सिंड्रेला कैसल तय किया गया था.''

यह बिजनेस सिद्धाचल एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड नाम से रजिस्टर्ड है. इसका ऑफिस बांद्रा में है. कंपनी एक साल में 17-18 डेस्टिनेशन वेडिंग आयोजित करती है. एक शादी पर औसतन खर्च 4 करोड़ रुपए होते हैं.

कंपनी के पास पांच पूर्णकालिक और 17-18 मौसमी कर्मचारी हैं. इसके अलावा जहां शादी होती है, वहीं स्वतंत्र कर्मचारी बुला लिए जाते हैं.

मुंबई में जन्मे और पले-बढ़े 37 वर्षीय विक्रम ने 12वीं की पढ़ाई 2003 में एंड्रयू स्कूल से पूरी की. इसके बाद मीठीबाई कॉलेज से बी.कॉम किया. इस कॉलेज में अभिनेताओं के बच्चे करीना कपूर और रणबीर कपूर उनके सीनियर थे.

अपने बचपन के सालों काे याद करते हुए विक्रम कहते हैं, "मैं स्कूल में बहुत ही अलग बच्चा था. स्कूल के सभी बच्चों से मोटा था और बेहतरीन संवाद क्षमता के लिए जाना जाता था.''


अमेरिका के डिज्नीलैंड में एक ड्रीम वेडिंग का नजारा.


स्कूल में उनके बहुत से दोस्त थे, लेकिन कॉलेज में उनका सामना एक दूसरी परिस्थिति से हुआ. वहां स्टूडेंट्स लोगों के 'लुक' पर बहुत ध्यान देते थे और पसंदीदा स्टूडेंट के साथ ही घूमना पसंद करते थे.

विक्रम को यह रवैया परेशान करता था, लेकिन जब विक्रम ने अपना वजन कम किया तो उनके प्रति उनका व्यवहार भी बदल गया और उन्होंने विक्रम को अपनी टोली में भी शामिल कर लिया. हालांकि विक्रम ने कॉलेज में बहुत अधिक दोस्त नहीं बनाए. उन्होंने स्कूल के साथियों को ही अपना दोस्त बनाए रखा.

बी.कॉम पूरा करने के बाद उन्होंने एम.कॉम में नामांकन कराया और इवेंट्स में पार्टटाइम करना शुरू कर दिया.

इवेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र के अपने नौसिखियाभरे दिनों को याद करते हुए विक्रम कहते हैं, "अपनी पहली नौकरी में मैंने 700 रुपए के टिकट बेचे. इसके बाद नए साल के जश्न के दिन आ गए. उसमें सोनम कपूर जैसी सेलीब्रिटी खास आकर्षण थी. मैंने टिकट बेचने शुरू किए और सबसे अधिक टिकट बेचने में कामयाब रहा.''

आयोजकों ने विक्रम की परफॉर्मेंस देखी, तो उन्हें पार्टनर के रूप में टीम से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया. लेकिन विक्रम को यह ऑफर आकर्षक नहीं लगा. इसके बजाय उन्होंने खुद की कंपनी रेड ओएम एंटरटेनमेंट शुरू करने का निर्णय लिया. उस समय विक्रम महज 23 साल के थे.

विक्रम की एक पार्टनर सपना लल्ला थीं. दोनों मिलकर बार क्लब में इंटरनेशनल डीजे के साथ मिलकर इवेंट करते थे. 2009 तक रेड ओएम का सालाना रेवेन्यू 1 करोड़ रुपए को छू गया.

कंपनी ने शाहरुख खान की फिल्म डॉन की लॉन्च पार्टी भी आयोजित की. कंपनी ने रितिक रोशन और संजय दत्त की इवेंट भी आयोजित किए. उन्होंने अवॉर्ड शो भी किए, लेकिन 2013 के बाद ट्रेंड बदलने लगा.


एमपायर इवेंट टीम के साथ विक्रम.

विक्रम बताते हैं, "डीजे संस्कृति में अब आकर्षण नहीं बचा था और ये ऐसे पल थे, जब मैं भाग जाना चाहता था. मैंने महसूस किया कि मैं औसत स्थिति में हूं, हालांकि मैं अच्छा-खासा कमा रहा था. यही वह पल था, जब मैंने बदलाव का फैसला किया.''

उन्होंने रेड ओएम (जिसे अब भी दूसरे पार्टनर चला रहे हैं) कंपनी छोड़ दी और परसेप्ट कंपनी से सीईओ के रूप में जुड़ गए. यह एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी थी, जो गोवा में सनबर्न फेस्टिवल आयोजित कर रही थी.

उसी दौरान उनके पिता ने उन्हें सलाह दी कि दूसराें के लिए काम करने के बजाय खुद की कंपनी खोलो. वे महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल से वरिष्ठ पद से रिटायर हुए थे.

जैसे यह संकेत था. विक्रम को अपने दोस्त की बहन की शादी का आमंत्रण मिला, जो बैंकॉक में होने जा रही थी. इसमें उन्होंने विभिन्न इवेंट, डीजे और साज-सज्जा के लिए अलग-अलग कलाकार खोजने में मदद की. शादी में बिंदल और गुजराल जैसे अमीर परिवार भी आए थे. उन्होंने महज दो लोगों की मदद से पूरी इवेंट को प्रबंध किया.

जल्द ही, उन्हें और अवसर मिले. 2014 में एमपायर इवेंट्स लॉन्च करने वाले विक्रम कहते हैं, "महज दो लोगों की टीम के साथ हम उदयपुर गए, जहां प्रसिद्ध जगमंदिर पैलेस में एक शादी हो रही थी. इसके बाद अलीबाग में एक और शादी का भी काम मिला.''

अब बिजनेस बढ़ गया है, तो हर प्रोजेक्ट की सूक्ष्म योजना बनने लगी है और उसका पालन किया जाता है. विक्रम बताते हैं, "किसी शादी में बहुत सी चीजें गलत हो सकती हैं, लेकिन मैं सुनिश्चित करता हूं कि उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था हो. इस तरह सब कुछ बेहतर होता चला जाता है. मौसम सबसे अधिक मजा किरकिरा करने वाला हो सकता है, खासकर आउटडोर वेडिंग के दौरान.''

वे याद करते हैं कि एक बार एक शादी श्रीलंका में थी. आयोजन स्थल पर अचानक मूसलाधार बारिश शुरू हो गई. हमारी चिंता बढ़ गई. वेडिंग केक, शैंपेन की ग्लासेस और लगभग सभी चीजें चारों तरफ उड़ने लगीं.

विक्रम याद करते हैं, "यह बहुत डरावना था, लेकिन हम तत्काल होटल के बालरूम पहुंचे, जहां एक और केक और डोम की प्रतिकृति रखी थी, जिसे हमने दूल्हा-दुल्हन के लिए तैयार रखा था.''

उदयपुर में एक शादी के दौरान उन्हें एक बच्चे को सुरक्षित तरीके से नाव से निकालकर होटल तक पहुंचाना पड़ा क्योंकि उसके माता-पिता आसपास नहीं थे. इसी तरह एक बार गोवा में एक शादी के दौरान टैक्सी ड्राइवर हड़ताल पर थे. ऐसे में विक्रम को मेहमानों को लाने-ले जाने के लिए करीब 50 ड्राइवरों को मिन्नतें कर मनाना पड़ा.


विक्रम का अंतिम उद्देश्य होता है कि दूल्हा-दुल्हन को उनकी शादी के दिन खुश रखा जाए.

विक्रम कहते हैं, "इवेंट के दौरान और भी कई चुनौतियां आती हैं जैसे नशे वाले रिश्तेदार, कुछ मेहमानों का स्वास्थ्य से जुड़ा मामला आदि. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती दूल्हा-दुल्हन के नजदीकी रिश्तेदारों से निपटने की होती है क्योंकि सबको अलग-अलग चीज की जरूरत होती है. लेकिन मेरा ध्यान दूल्हा-दुल्हन को खुश करना होता है- आखिरकार यह सब उनके लिए ही हो रहा होता है और उनकी कल्पना जीवंत होनी चाहिए. हर शादी के लिए दुल्हन की एंट्री सबसे दिल जीतने वाला पल होती है इसलिए मैं सुनिश्चित करता हूं कि यह हर शादी के लिए अनूठा हो.''

कंपनी को कई अवॉर्ड मिल चुके हैं. एल मैग्जीन ने एशिया की सूची में एमपायर कंपनी को बेस्ट वेडिंग प्लानर की सूची में नंबर 2 पर रखा है.

 

आप इन्हें भी पसंद करेंगे

  • Safai Sena story

    पर्यावरण हितैषी उद्ममी

    बिहार से काम की तलाश में आए जय ने दिल्ली की कूड़े-करकट की समस्या में कारोबारी संभावनाएं तलाशीं और 750 रुपए में साइकिल ख़रीद कर निकल गए कूड़ा-करकट और कबाड़ इकट्ठा करने. अब वो जैविक कचरे से खाद बना रहे हैं, तो प्लास्टिक को रिसाइकिल कर पर्यावरण सहेज रहे हैं. आज उनसे 12,000 लोग जुड़े हैं. वो दिल्ली के 20 फ़ीसदी कचरे का निपटान करते हैं. सोफिया दानिश खान आपको बता रही हैं सफाई सेना की सफलता का मंत्र.
  • Success Story of Gunwant Singh Mongia

    टीएमटी सरियों का बादशाह

    मोंगिया स्टील लिमिटेड के मालिक गुणवंत सिंह की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उनका सिर्फ एक ही फलसफा रहा-‘कभी उम्मीद मत छोड़ो. विश्वास करो कि आप कर सकते हो.’ इसी सोच के बलबूते उन्‍होंने अपनी कंपनी का टर्नओवर 350 करोड़ रुपए तक पहुंचा दिया है.
  • Honey and Spice story

    शुद्ध मिठास के कारोबारी

    ट्रेकिंग के दौरान कर्नाटक और तमिलनाडु के युवा इंजीनियरों ने जनजातीय लोगों को जंगल में शहद इकट्‌ठी करते देखा. बाजार में मिलने वाली बोतलबंद शहद के मुकाबले जब इसकी गुणवत्ता बेहतर दिखी तो दोनों को इसके बिजनेस का विचार आया. 7 लाख रुपए लगातार की गई शुरुआत आज 3.5 करोड़ रुपए के टर्नओवर में बदलने वाली है. पति-पत्नी मिलकर यह प्राकृतिक शहद विदेश भी भेज रहे हैं. बता रही हैं उषा प्रसाद
  • Agnelorajesh Athaide story

    मुंबई के रियल हीरो

    गरीब परिवार में जन्मे एग्नेलोराजेश को परिस्थितिवश मुंबई की चॉल और मालवानी जैसे बदनाम इलाके में रहना पड़ा. बारिश में कई रातें उन्होंने टपकती छत के नीचे भीगते हुए गुजारीं. इन्हीं परिस्थितियाें ने उनके भीतर का एक उद्यमी पैदा किया. सफलता की सीढ़ियां चढ़ते-चढ़ते वे आज सफल बिल्डर और मोटिवेशनल स्पीकर हैं. बता रहे हैं गुरविंदर सिंह
  • how Chayaa Nanjappa created nectar fresh

    मधुमक्खी की सीख बनी बिज़नेस मंत्र

    छाया नांजप्पा को एक होटल में काम करते हुए मीठा सा आइडिया आया. उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज उनकी कंपनी नेक्टर फ्रेश का शहद और जैम बड़े-बड़े होटलों में उपलब्ध है. प्रीति नागराज की रिपोर्ट.