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Saturday, 8 February 2025

कॉलेज की दो सहेलियों ने शुरू किया 'घर बसाने' का कारोबार, रिश्ते जोड़कर कमा रहीं 1 करोड़ रुपए सालाना

08-Feb-2025 By सोफिया दानिश खान
नई दिल्ली

Posted 27 Feb 2021

टेक्नोलॉजी और अपने व्यापक सामाजिक दायरे का फायदा उठाकर कॉलेज की सहेलियों मिशी मेहता सूद और तान्या मल्होत्रा सोंधी ने तय किया कि वे एक ऐसी व्यक्तिगत मैट्रिमोनियल वेबसाइट लॉन्च करेंगी, जो सदस्यों की निजता को सुरक्षित रखते हुए उनके लिए योग्य जीवनसाथी तलाशेगी.

दिल्ली की इन दोनों सहेलियों ने 2015 में 4 लाख रुपए के निवेश से मैचमी वेबसाइट लॉन्च की. वे अब तक करीब 100 शादियां करवा चुकी हैं. यही नहीं, वित्तीय वर्ष 2019-20 में टर्नओवर 1 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है.
मिशी मेहता सूद (खड़ी हुईं) और तान्या मल्होत्रा सोंधी ने मैचमी की शुरुआत 2015 में की थी. (सभी फोटो : विशेष व्यवस्था से)

कोई कर्मचारी न रखने के मॉडल पर काम कर रही 39 वर्षीय मिशी अपनी व्यावसायिक रणनीति के बारे में बताती है, “हमने शुरुआत में कुछ कर्मचारियों को नौकरी पर रखा, लेकिन हमने निजता खो दी. अब हम उन्हीं महिलाओं के साथ पार्टनरशिप करते हैं, जिनका बड़ा सामाजिक दायरा होता है, जिनके पास समय होता है और काम का जुनून होता है.”

यह कंपनी यानारा कंसल्टेंट्स (एलएलपी) नाम से रजिस्टर की गई है. इसमें दो संस्थापकों के साथ तीन अन्य पार्टनर भी हैं.

मिशी और तान्या ने अपना शुरुआती निवेश 4 लाख रुपए कंपनी शुरू होने के तीन महीने में निकाल लिया. वहीं पहले साल में दोनों 40 लाख रुपए का रेवेन्यू जुटाने में सफल रहीं.

“हमने लोगों से सोशल मीडिया के जरिये जुड़े. हमारी बेसिक मेंबरशिप 50,000 रुपए की है. जोड़ी जमने के बाद उन्हें 1.5 लाख रुपए और देने होते हैं.

मिशी कहती हैं, “प्रीमियम प्लान ऐसे लोगों के लिए है, जिनकी कुछ विशेष जरूरत होती है. इसमें हम पहले 1 लाख और जोड़ी जमने के बाद 4 लाख रुपए लेते हैं.” शुरुआत के साथ ही साेशल मीडिया पर प्रचार होने से कंपनी तेजी से बढ़ी.

मिशी अपने काम की तारीफ करते हुए कहती हैं, “पहले साल ही लोगों की प्रतिक्रिया अद्भुत रही. हम दोनों का ही बोर्डिंग स्कूल और कॉलेज के दिनों से बड़ा नेटवर्क था. उस साल हमने 18-20 जोड़ी जमाई.”

मिशी ने लेडी श्री राम कॉलेज से पढ़ाई की है. वहां से उन्होंने मैथ्स एंड इकोनॉमिक्स में ग्रैजुएशन (2001-2003) किया. बाद में उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी से फायनेंस में एमबीए (2003-05) किया. वहीं तान्या से उनकी मुलाकात हुई.
मिशी और तान्या एमिटी यूनिवर्सिटी में एक ही कक्षा में थीं. दोनों ने वहां से एमबीए किया है.

मिशी सर्वोत्कृष्ठ पंजाबी लड़की हैं. पठानकोट में उनका जन्म हुआ. उन्होंने देश के सर्वश्रेष्ठ बोर्डिंग स्कूलों में से एक में पढ़ाई की. उन्होंने कक्षा 10 की पढ़ाई सैकर्ड हार्ट कॉन्वेंट डलहौजी और हायर सेकंडरी की पढ़ाई मेयो कॉलेज अजमेर से की.

मिशी को युवावस्था से ही लोगों से संपर्क करने में महारथ हासिल थी. 22 की उम्र में उनकी सबसे प्रिय सहेली सविरा उनकी भाभी बन गईं. सविरा को वे सात साल की उम्र से जानती हैं और अब वे उनके बड़े भाई अभिजीत की पत्नी हैं.

एमबीए करने के बाद मिशी ने दो साल तक फायनेंशियल कंसल्टेंट के रूप में काम किया. इसके बाद 2007 में कार डीलरशिप के अपने पारिवारिक बिजनेस भसीन मोटर्स से जुड़ गईं.

दो साल बाद, नितिन सूद से उनकी शादी हुई, जिनसे वे 18 वर्ष की उम्र से प्रेम कर रही थीं. मिशी कहती हैं, “नितिन से मेरी मुलाकात दिल्ली में क्लब इम्पीरियल 1911 (इम्पीरियल होटल) में हुई थी. किसी ने हमारा परिचय नहीं कराया. हम बस यूं ही मिल गए थे.”

शादी के बाद मिशी तब तक काम से दूर रही, जब तक कि उनकी बेटी पांच साल की नहीं हो गई. इसके बाद वे एमिटी की अपनी सहपाठी तान्या से दोबारा जुड़ गईं.

उन्होंने अपने उन दोस्तों के बारे में बात की, जो शादी की योजना बना रहे थे. दोनों ने उनके मैरिज ब्यूरो के साथ अनुभव भी बांटे, तो दोनों को एहसास हुआ कि एक ऐसे मैरिज ब्यूरो की जरूरत है, जहां निजता का पूरा सम्मान हो.

यहीं से मैचमी का विचार चमका. छह साल बाद 800 रजिस्टर्ड सदस्यों और करीब 100 शादियां कराने के बाद उनके पास जश्न मनाने के बहुत से कारण हैं.

मिशी कहती हैं, “आज दुनियाभर में लोग बिना धर्म और जाति के बंधन के बेहतर जीवनसाथी ढूंढ़ रहे हैं.”

लेकिन सदस्यों की अन्य अपेक्षाएं और आशंकाएं भी होती हैं, जिनसे वे पेशवर अंदाज में हल करती हैं.

मिशी कुछ उदाहरणाें से बताती हैं कि किस तरह जोड़ियां जमाई जाती हैं.

36 वर्षीय एक व्यक्ति उनके पास आने से पहले मैरिज ब्यूरो से लेकर पारंपरिक तरीके से जीवनसाथी ढूंढ़ने का हर तरीका आजमा चुका था.

मिशी कहती हैं, “वह बहुत पढ़ा-लिखा था और सिंगापुर में रहता था. हमने उसे 29 वर्षीय एक लड़की से मिलवाया. वह दोनों के बीच उम्र के अंतर को लेकर कुछ शंकित था.”

लेकिन वह व्यक्ति लड़की से मिलने के लिए मुंबई पहुंचा और 15 दिन के भीतर ही रिश्ता तय हो गया. वे कहती हैं, “दोनों की एक बेटी है. मैं रिश्ते तय होने और ग्राहकों के बारे में अनगिनत कहानियां बता सकती हूं.”

एक अन्य वाकया है. 40 वर्षीय एक विधवा ने 50 वर्षीय एक पुरुष से शादी की. दोनों ने पहली मुलाकात के ढाई साल बाद शादी की.
मिशी और तान्या आम तौर पर अपने ग्राहकों से दिल्ली स्थित अपने ऑफिस में मिलती हैं, ताकि उनका व्यक्तित्व समझ सकें.

दूसरी मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स की तरह सदस्य अन्य रजिस्टर्ड सदस्यों का पूरा डेटाबेस नहीं देख सकते हैं.

मिशी कहती हैं, “सिर्फ संस्थापक और पार्टनर ही डेटाबेस की जांच के बाद तय करते हैं कि किससे जोड़ी जम सकती है. वे ही लड़का-लड़की की पहली मुलाकात तय करते हैं.”

“पहली मुलाकात के बाद कई ग्राहकों की शादियां हुई हैं. वैसे खोज के लिए समय की कोई पाबंदी नहीं है और सही जीवनसाथी मिलने तक हम सदस्यों की मदद करते हैं.”

यदि ग्राहक भारत में ही होता है तो संस्थापक आम तौर पर उनसे मिल लेती हैं, लेकिन लॉकडाउन के दौरान सभी मीटिंग वीडियो कॉल के जरिए हुईं.

ग्राहक यदि दिल्ली के बाहर का होता है तो भी मिशी या उनकी पार्टनर ग्राहकों से भी मिलने की इच्छुक रहती हैं. हां, उनकी यात्रा का खर्च ग्राहक को ही उठाना होता है.

ग्राहक से बातचीत सामान्यत: 45-60 मिनट चलती है. इसमें वे व्यक्ति को समझने की कोशिश करती है. उसके बचपन, उसके परिवार, दोस्तों के बारे में जानकारी लेकर वे उसके संपूर्ण व्यक्तित्व का आकलन करती हैं.

संस्थापक उनके माता-पिता से भी संक्षिप्त बातचीत कर परिवार को समझती हैं. आम तौर पर इससे बड़े निष्कर्ष निकल आते हैं.

मिशी कहती हैं, “जब हम जोड़ी बनाने की कोशिश करती हैं, तो यह सुनिश्चित करती हैं कि लड़का-लड़की की रुचि एकसमान हो. हमारे पास एक सॉफ्टवेयर है, जो जोड़ी जमाने में मदद करता है. इसके बाद हम संभावित जोड़ों को एक-दूसरे की फोटो देते हैं.”

2020 के लॉकडाउन ने उन्हें विस्तार की योजनाओं पर सोचने के लिए मजबूर किया है. मिशी कहती हैं, “भारतभर में ऑफिस न होने के बावजूद हमारी हर जगह पहुंच है. लेकिन हमें महसूस हुआ है कि दुबई में बहुत संभावनाएं हैं. वहां कई भारतीय शादी के लिए लड़कियां ढूंढ़ रहे हैं.”
मिशी और तान्या को काम में बहुत मजा आता है.

“इस बीच हमारी मुलाकात हमारी पांचवीं पार्टनर निप्पा भाटिया से हुई. वे दिल्ली की हैं, लेकिन 22 सालों से दुबई में रह रही हैं. वहां उनका बहुत परिचय है. उनके पास समय भी है और हम जो भारत में कर रही हैं, उसे दुबई में आगे भी बढ़ाने की उत्सुक हैं.”

वे अब दुबई में जल्द ऑफिस खोलने की योजना बना रही हैं. उनकी योजना कनाडा और यूएस में भी प्रवेश करने की है.

मैचमी अतिरिक्त फीस लेकर संभावित जीवनसाथी के सत्यापन के लिए जासूसी सेवा भी उपलब्ध कराती है. यह फीस 25,000 रुपए से अधिक होती है और काम पर निर्भर करती है.

ग्राहकों को उपलब्ध कराई जाने वाली सशुल्क सेवाओं के बारे में मिशी कहती हैं, “हमारे साथ एक रिलेशनशिप कोच रोशनी देव भी जुड़ी हैं. यदि जोड़ों को लगता है कि उन्हें रोशनी से मिलना चाहिए, तो वे मिल सकते हैं.”

वे कहती हैं कि कोविड लॉकडाउन के दौरान नेटफ्लिक्स की सीरीज 'इंडियन मैचमेकिंग' देखकर देश में कई लोगों ने पर्सनलाइज्ड मैच मेकिंग को गूगल पर ढूंढ़ा.”

मिशी कहती हैं, “वे यह देखकर आश्चर्यचकित थे कि भारत में भी ऐसी सेवाएं उपलब्ध हैं. कई लोगों ने हमारे साथ रजिस्ट्रेशन करवाया और उनकी शादी अब पक्की है. 2021 के वित्तीय वर्ष में हमें 1.5 करोड़ रुपए टर्नओवर की उम्मीद है.”

 

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