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Posted 2021-11-24 Vol 12 Issue 47
अमूल्य निधि
इंदौर की बेटी निधि यादव ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया, लेकिन उनकी दिलचस्पी कपड़े बनाने में थी. पढ़ाई पूरी कर उन्होंने डेलॉयट कंपनी में भी काम किया, लेकिन जैसे वे फैशन इंडस्ट्री के लिए बनी थीं. आखिर नौकरी छोड़कर इटली में फैशन इंडस्ट्री का कोर्स किया और भारत लौटकर गुरुग्राम में केएस क्लोदिंग नाम से वुमन वियर ब्रांड शुरू किया. महज 3.50 लाख से शुरू हुआ बिजनेस अब 137 करोड़ रुपए टर्नओवर वाला ब्रांड है. सोफिया दानिश खान बता रही हैं निधि की अमूल्यता.
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Posted 2021-11-16 Vol 12 Issue 46
जिंदगी को मिला फिनिशिंग टच
पटना की आकृति वर्मा उन तमाम युवतियों के लिए प्रेरणादायी साबित हो सकती हैं, जो खुद के दम पर कुछ करना चाहती हैं, लेकिन कर नहीं पाती। बिना किसी व्यावसायिक पृष्ठभूमि के आकृति ने 15 लाख रुपए के निवेश से वॉल पुट्टी बनाने की कंपनी शुरू की. महज तीन साल में मेहनत रंग लाई और कारोबार का टर्नओवर 1 करोड़ रुपए तक पहुंचा दिया. आकृति डॉक्टर-इंजीनियर बनने के बजाय खुद का कुछ करना चाहती थीं. उन्होंने कैसे बनाया इतना बड़ा बिजनेस, बता रही हैं सोफिया दानिश खान
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Posted 2021-11-10 Vol 12 Issue 45
खुद का जीवन बदला, अब दूसरों का बदल रहे
हैदराबाद के संतोष का जीवन रोलर कोस्टर की तरह रहा. बचपन में पढ़ाई छोड़नी पड़ी तो कम तनख्वाह में भी काम किया. फिर पढ़ते गए, सीखते गए और तनख्वाह भी बढ़ती गई. एक समय ऐसा भी आया, जब अमेरिकी कंपनी उन्हें एक करोड़ रुपए सालाना तनख्वाह दे रही थी. लेकिन कोरोना लॉकडाउन के बाद उन्हें अपना उद्यम शुरू करने का विचार सूझा. आज वे देश में ही डाइट फूड उपलब्ध करवाकर लोगों की सेहत सुधार रहे हैं. संतोष की इस सफल यात्रा के बारे में बता रही हैं उषा प्रसाद
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Posted 2021-10-20 Vol 12 Issue 42
स्मूदी सम्राट
हैदराबाद के सम्राट रेड्डी ने इंजीनियरिंग के बाद आईटी कंपनी इंफोसिस में नौकरी तो की, लेकिन वे खुद का बिजनेस करना चाहते थे. महज एक साल बाद ही नौकरी छोड़ दी. वे कहते हैं, “मुझे पता था कि अगर मैंने अभी ऐसा नहीं किया, तो कभी नहीं कर पाऊंगा.” इसके बाद एक करोड़ रुपए के निवेश से एक स्मूदी आउटलेट से शुरुआत कर पांच साल में 110 आउटलेट की चेन बना दी. अब उनकी योजना अगले 10 महीने में इन्हें बढ़ाकर 250 करने की है. सम्राट का संघर्ष बता रही हैं सोफिया दानिश खान
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Posted 2021-10-11 Vol 12 Issue 41
स्नैक्स किंग
नागपुर के मनीष खुंगर युवावस्था में मूंगफली चिक्की बार की उत्पादन ईकाई लगाना चाहते थे, लेकिन जब उन्होंने रिसर्च की तो कॉर्न स्टिक स्नैक्स उन्हें बेहतर लगे. यहीं से उन्हें नए बिजनेस की राह मिली. वे रॉयल स्टार स्नैक्स कंपनी के जरिए कई स्नैक्स का उत्पादन करने लगे. इसके बाद उन्होंने पीछे पलट कर नहीं देखा. पफ स्नैक्स, पास्ता, रेडी-टू-फ्राई 3डी स्नैक्स, पास्ता, कॉर्न पफ, भागर पफ्स, रागी पफ्स जैसे कई स्नैक्स देशभर में बेचते हैं. मनीष का धैर्य और दृढ़ संकल्प की संघर्ष भरी कहानी बता रही हैं सोफिया दानिश खान
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Posted 2021-10-07 Vol 12 Issue 40
रोशनी के राजा
महाराष्ट्र के बुलढाना के करण चाेपड़ा ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस में नौकरी की, लेकिन रास नहीं आई. छोड़कर गृहनगर बुलढाना लौटे और एलईडी लाइट्स का कारोबार शुरू किया, लेकिन उसमें भी मुनाफा नहीं हुआ तो सोलर ऊर्जा की राह पकड़ी. यह काम उन्हें पसंद आया. धीरे-धीरे प्रगति की और काम बढ़ने लगा. आज उनकी कंपनी चिरायु पावर प्राइवेट लिमिटेड का टर्नओवर 14 करोड़ रुपए हो गया है. जल्द ही यह दोगुना होने की उम्मीद है. करण का संघर्ष बता रही हैं उषा प्रसाद
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Posted 2021-09-30 Vol 12 Issue 39
विलास की विकास यात्रा
महाराष्ट्र के नासिक के किसान विलास शिंदे की कहानी देश की किसानों के असल संघर्ष को बयां करती है. नई तकनीकें अपनाकर और बिचौलियों को हटाकर वे फल-सब्जियां उगाने में सह्याद्री फार्म्स के रूप में बड़े उत्पादक बन चुके हैं. आज उनसे 10,000 किसान जुड़े हैं, जिनके पास करीब 25,000 एकड़ जमीन है. वे रोज 1,000 टन फल और सब्जियां पैदा करते हैं. विलास की विकास यात्रा के बारे में बता रहे हैं बिलाल खान
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Posted 2021-09-23 Vol 12 Issue 38
उड़ान परी
भाेपाल की कनिका टेकरीवाल ने सफलता का चरम छूने के लिए जीवन से चरम संघर्ष भी किया. कॉलेज की पढ़ाई पूरी ही की थी कि 24 साल की उम्र में पता चला कि उन्हें कैंसर है. इस बीमारी को हराकर उन्होंने एयरक्राफ्ट एग्रीगेटर कंपनी जेटसेटगो एविएशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की. आज उनके पास आठ विमानों का बेड़ा है. देशभर में 200 लोग काम करते हैं. कंपनी का टर्नओवर 150 करोड़ रुपए है. सोफिया दानिश खान बता रही हैं कनिका का संघर्ष
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Posted 2021-09-17 Vol 12 Issue 37
रेस्तरां के राजा
गुवाहाटी के देबा कुमार बर्मन और प्रणामिका ने आज से 30 साल पहले कॉलेज की पढ़ाई के दौरान लव मैरिज की और नई जिंदगी शुरू की. सामने आजीविका चलाने की चुनौतियां थीं. ऐसे में टीवी क्षेत्र में सीरियल बनाने से लेकर फर्नीचर के बिजनेस भी किए, लेकिन सफलता रेस्तरां के बिजनेस में मिली. आज उनके पास 21 रेस्तरां हैं, जिनका टर्नओवर 6 करोड़ रुपए है. इस जोड़े ने कैसे संघर्ष किया, बता रही हैं सोफिया दानिश खान
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Posted 2021-09-08 Vol 12 Issue 36
दूध के देवदूत
हैदराबाद के किशोर इंदुकुरी ने शानदार पढ़ाई कर शानदार कॅरियर बनाया, अच्छी-खासी नौकरी की, लेकिन अमेरिका में उनका मन नहीं लगा. कुछ मनमाफिक काम करने की तलाश में भारत लौट आए. यहां भी कई काम आजमाए. आखिर दुग्ध उत्पादन में उनका काम चल निकला और 1 करोड़ रुपए के निवेश से उन्होंने काम बढ़ाया. आज उनके प्लांट से रोज 20 हजार लीटर दूध विभिन्न घरों में पहुंचता है. उनके संघर्ष की कहानी बता रही हैं सोफिया दानिश खान
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Posted 2021-09-02 Vol 12 Issue 35
जैविक खेती ही खुशहाली
मधु चंदन सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में अमेरिका में मोटी सैलरी पा रहे थे. खुद की कंपनी भी शुरू कर चुके थे, लेकिन कर्नाटक के मांड्या जिले में किसानों की आत्महत्याओं ने उन्हें झकझोर दिया और वे देश लौट आए. यहां किसानों को जैविक खेती सिखाने के लिए खुद किसान बन गए. किसानों को जोड़कर सहकारी समिति बनाई और जैविक उत्पाद बेचने के लिए विशाल स्टोर भी खोले. मधु चंदन का संघर्ष बता रहे हैं बिलाल खान
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Posted 2021-08-25 Vol 12 Issue 34
सिंधु के स्पर्श से सोना बना बिजनेस
तमिलनाडु के तिरुपुर जिले के गांव में एमबीए पास सिंधु ब्याह कर आईं तो ससुराल का बिजनेस अस्त-व्यस्त था. सास ने आगे बढ़ाया तो सिंधु के स्पर्श से बिजनेस सोना बन गया. महज 10 लाख टर्नओवर वाला बिजनेस 6 करोड़ रुपए का हो गया. सिंधु ने पति के साथ मिलकर कैसे गांव के बिजनेस की किस्मत बदली, बता रही हैं उषा प्रसाद
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Posted 2021-08-19 Vol 12 Issue 33
कंसल्टेंसी में कमाल से करोड़ों की कमाई
विजयवाड़ा के अरविंद अरासविल्ली अमेरिका में 20 लाख रुपए सालाना वाली नौकरी छोड़कर देश लौट आए. यहां 1 लाख रुपए निवेश कर विदेश में उच्च शिक्षा के लिए जाने वाले छात्रों के लिए कंसल्टेंसी फर्म खोली. 9 साल में वे दो कंपनियों के मालिक बन चुके हैं. दोनों कंपनियों का सालाना टर्नओवर 30 करोड़ रुपए है. 170 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. अरविंद ने यह कमाल कैसे किया, बता रही हैं सोफिया दानिश खान
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Posted 2021-08-12 Vol 12 Issue 32
प्रभु की 'माया'
कोयंबटूर के युवा प्रभु गांधीकुमार ने बीई करने के बाद नौकरी की, 4 लाख रुपए मासिक तक कमाने लगे, लेकिन परिवार के बुलावे पर घर लौटे और सॉफ्ट ड्रिंक्स के बिजनेस में उतरे. पेप्सी-कोका कोला जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों से होड़ की बजाए ग्रामीण क्षेत्र के बाजार को लक्ष्य बनाकर कम कीमत के ड्रिंक्स बनाए. पांच साल में ही उनका टर्नओवर 35 करोड़ रुपए पहुंच गया. प्रभु ने बाजार की नब्ज कैसे पहचानी, बता रही हैं उषा प्रसाद
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Posted 2021-08-05 Vol 12 Issue 31
शून्य से शिखर की ओर
सिलचर (असम) के राजन नाथ आर्थिक परिस्थिति के चलते मेडिकल की पढ़ाई कर डॉक्टर तो नहीं कर पाए, लेकिन अपने यूट्यूब चैनल और वेबसाइट के जरिए सैकड़ों डाक कर्मचारियों को वरिष्ठ पद जरूर दिला रहे हैं. उनके बनाए यूट्यूब चैनल ‘ईपोस्टल नेटवर्क' और वेबसाइट ‘ईपोस्टल डॉट इन' का लाभ हजारों लोग ले रहे हैं. उनका चैनल भारत में डाक कर्मचारियों के लिए पहला ऑनलाइन कोचिंग संस्थान है. वे अपने इस स्टार्ट-अप को देश के बड़े ऑनलाइन एजुकेशन ब्रांड के बराबरी पर लाना चाहते हैं. बता रही हैं उषा प्रसाद
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Posted 2021-07-29 Vol 12 Issue 30
ये 'आम' आम नहीं, खास हैं
जबलपुर के संकल्प उसे फरिश्ते को कभी नहीं भूलते, जिसने उन्हें ट्रेन में दुनिया के सबसे महंगे मियाजाकी आम के पौधे दिए थे. अपने खेत में इनके समेत कई प्रकार के हाइब्रिड फलों की फसल लेकर संकल्प दुनियाभर में मशहूर हो गए हैं. जापान में 2.5 लाख रुपए प्रति किलो में बिकने वाले आमों को संकल्प इतना आम बना देना चाहते हैं कि भारत में ये 2 हजार रुपए किलो में बिकने लगें. आम से जुड़े इस खास संघर्ष की कहानी बता रही हैं सोफिया दानिश खान
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Posted 2021-07-21 Vol 12 Issue 29
बरेली के बिरले ऑइल किंग
बरेली जैसे छोटे से शहर से कारोबार को बड़ा बनाने के लिए बहुत जिगर चाहिए. घनश्याम खंडेलवाल इस कोशिश में सफल रहे. 10 लाख रुपए के निवेश से 2,500 करोड़ रुपए टर्नओवर वाला एफएमसीजी ब्रांड बनाया. उनकी कंपनी का पैकेज्ड सरसों तेल बैल कोल्हू देश में मशहूर है. कंपनी ने नरिश ब्रांड नाम से फूड प्रोडक्ट्स की विस्तृत शृंखला भी लॉन्च की है. कारोबार की चुनौतियां, सफलता और दूरदृष्टि के बारे में बता रही हैं सोफिया दानिश खान
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Posted 2021-07-14 Vol 12 Issue 28
'भाई का वड़ा सबसे बड़ा'
मुंबई के युवा अक्षय राणे और धनश्री घरत ने 2016 में छोटी सी दुकान से वड़ा पाव और पाव भाजी की दुकान शुरू की. जल्द ही उनके चटकारेदार स्वाद वाले फ्यूजन वड़ा पाव इतने मशहूर हुए कि देशभर में 34 आउटलेट्स खुल गए. अब वे 16 फ्लेवर वाले वड़ा पाव बनाते हैं. मध्यम वर्गीय परिवार से नाता रखने वाले दोनों युवा अब मर्सिडीज सी 200 कार में घूमते हैं. अक्षय और धनश्री की सफलता का राज बता रहे हैं बिलाल खान
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Posted 2021-07-08 Vol 12 Issue 27
पहाड़ी लड़की, पहाड़-से हौसले
उत्तराखंड के छोटे से गांव में जन्मी गीता सिंह ने दिल्ली तक के सफर में जिंदगी के कई उतार-चढ़ाव देखे. गरीबी, पिता का संघर्ष, नौकरी की मारामारी से जूझीं. लेकिन हार नहीं मानी. मीडिया के क्षेत्र में उन्होंने किस्मत आजमाई और द येलो कॉइन कम्युनिकेशन नामक पीआर और संचार फर्म शुरू की. महज 3 साल में इस कंपनी का टर्नओवर 1 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. आज कंपनी का टर्नओवर 7 करोड़ रुपए है. बता रही हैं सोफिया दानिश खान
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Posted 2021-07-01 Vol 12 Issue 26
जो हार न माने, वो अर्चना
चेन्नई की अर्चना स्टालिन जन्मजात योद्धा हैं. महज 22 साल की उम्र में उद्यम शुरू किया. असफल रहीं तो भी हार नहीं मानी. छह साल बाद दम लगाकर लौटीं. पति के साथ माईहार्वेस्ट फार्म्स की शुरुआती की. किसानों और ग्राहकों का समुदाय बनाकर ऑर्गेनिक खेती की. महज तीन साल में इनकी कंपनी का टर्नओवर 1 करोड़ रुपए पहुंच गया. बता रही हैं उषा प्रसाद
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Posted 2021-06-23 Vol 12 Issue 25
चाय का नया जायका 'चाय सुट्टा बार'
'चाय सुट्टा बार' नाम आज हर युवा की जुबा पर है. दिलचस्प बात यह है कि इसकी सफलता का श्रेय भी दो युवाओं को जाता है. नए कॉन्सेप्ट पर शुरू की गई चाय की यह दुकान देश के 70 से अधिक शहरों में 145 आउटलेट में फैल गई है. 3 लाख रुपए से शुरू किया कारोबार 5 साल में 100 करोड़ रुपए का हो चुका है. बता रही हैं सोफिया दानिश खान
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Posted 2021-06-17 Vol 12 Issue 24
फर्नीचर के फरिश्ते
आवश्यकता आविष्कार की जननी है. यह दिल्ली के गौरव और अंकुर कक्कड़ ने साबित किया है. अंकुर नए घर के लिए फर्नीचर तलाश रहे थे, लेकिन मिला नहीं. तभी देश छोड़कर जा रहे एक राजनयिक का लग्जरी फर्नीचर बेचे जाने के बारे में सुना. उसे देखा तो एक ही नजर में पसंद आ गया. इसके बाद दोनों ने प्री-ओन्ड फर्नीचर की खरीद और बिक्री को बिजनेस बना लिया. 3.5 लाख से शुरू हुआ बिजनेस 14 करोड़ का हो चुका है. एकदम नए तरीका का यह बिजनेस कैसे जमा, बता रही हैं उषा प्रसाद.
